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मुकेश ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा आज जब मैं रामायण देखता हूं तो अच्छी लग रही है लेकिन जब मैंने इसे पहली बार देखा था तो मुझे कुछ खास पसंद नहीं आई थी।
अब मुकेश को रामायण क्यों नहीं पसंद आई थी इसके भी कुछ दिलचस्प कारण हैं जो उन्होंने इस इंटरव्यू में खोले। हालांकि उन्होंने कुबूल किया कि अब वो इस रामायण के फैन हो चुके हैं।
गौरतलब है कि मुकेश खन्ना का सीरियल, शक्तिमान दूरदर्शन पर रोज़ रात 8 प्रसारित होता है जिसके ठीक एक घंटा बाद यानि कि 9 बजे रामायण का प्रसारण होता है।
जानिए मुकेश खन्ना को क्यों नहीं पसंद आती थी रामायण –
बहुत धीमा सीरियल
मुकेश खन्ना का कहना था कि वो जब उस ज़माने में रामायण देखते थे तो उन्हें समझ ही नहीं आता था कि आखिर रामानंद सागर ने इतना धीमा सीरियल क्यों बनाया है। और यही कारण था कि मुकेश को ये सीरियल बिल्कुल पसंद नहीं था।
कांग्रेस और बीजेपी
मुकेश खन्ना ने बताया कि उन्हें ऐसा लगता था कि वो बीजेपी हैं और रामायण कांग्रेस। दोनों के विचारों में मुकेश खन्ना को उस वक्त इतना अंतर लगता है। ऊपर से रामायण की धीमी गति उन्हें परेशान कर देती थी।
पसंद था महाभारत
मुकेश खन्ना ने माना कि उन्हें महाभारत देखना पसंद था क्योंकि वो शो थोड़ा तेज़ी में रहता था। लेकिन अब उनका रामायण को लेकर पूरा दृष्टिकोण बदल चुका है
बेहद शानदार सीरियल
मुकेश का कहना है कि आज जब मैं बैछ कर रामायण देखता हूं तो मुझे लगता है कि रामानंद सागर ने क्या सीरियल बनाया है। कुछ सीन देखकर तो मैं इतना भावुक हो गया कि बता नहीं सकता। हर सीन के बाद एक चौपाई बेहद शानदार लगती है।
अरूण गोविल की तारीफ
मुकेश खन्ना, रामायण देखने के बाद अरूण गोविल के फैन हो गए हैं। उनका कहना था राम के तौर पर अरूण गोविल ने शानदार काम किया है। उन्होंने अपनी एक मुसकान पूरे सीरियल में बरकार रखी है और ये बेहतरीन है।
सीता के फैन
वहीं बाकी के किरदारों ने भी मुकेश खन्ना को फैन बना दिया। उनका कहना है कि सीता जहां वाकई कोई देवी लगती थीं वहीं जनक, दशरथ और बाकी की पूरी कास्ट ने अपना काम क्या शानदार तरीके से किया।
भीष्म पितामह मुकेश खन्ना
दिलचस्प है कि मुकेश खन्ना ने बी आर चोपड़ा की महाभारत में भीष्म पितामह का किरदार निभाया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या ये कारण था कि उन्हें रामायण नहीं पसंद थी तो मुकेश खन्ना का जवाब दिलचस्प था।
सवाल ही नहीं उठता
मुकेश खन्ना का कहना था कि रामायण और महाभारत, दोनों ही सीरियल बिल्कुल ही अलग अलग समय पर प्रसारित हुए थे। ऐसे में आपसी जलन या टक्कर का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता था। महाभारत तब शुरू हुई जब रामायण खत्म हो चुकी थी।
अब समझा अंतर
मुकेश खन्ना का कहना है कि पहले मुझे रामायण अच्छी नहीं लगती थी क्योंकि ये धीमी थी और महाभारत पसंद थी क्योंकि वो तेज़ थी। लेकिन अब मैं समझ सकता हूं कि दोनों के विषय में कितना अंतर था। रामायण एक इमोशनल कहानी थी जबकि महाभारत एक युद्ध का बखान था।
एक एक डीटेल शानदार
मुकेश खन्ना बताते हैं कि रामायण ने रामानंद सागर ने एक एक डीटेल पर ध्यान दिया है। शायद यही कारण है कि शो देखने से पहले लोग आरती करते थे और वाकई अरूण गोविल को भगवान राम मानते थे।
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