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इस खुलासे के बाद द टाईम्स और न्यूयॉर्कर को हार्वे पर अपनी रिपोर्ट के लिए पुलित्ज़र प्राइज़ भी दिया गया। यहीं से हॉलीवुड के #MeToo मूवमेंट की शुरूआत हुई थी। इसी के बाद बॉलीवुड में भी तेज़ी से #MeToo की लहर आई। हालांकि हार्वे ने अपनी सफाई में कहा था कि जब भी उन्होंने किसी महिला की तरफ सेक्स या ऐसी किसी ज़रूरत की पेशकश की किसी ने उन्हें मना नहीं किया। सबने उनका ऑफर स्वीकार किया।
हुई थी कड़ी आलोचना
विन्सटीन की वकील लीज़ा ब्लूम ने कहा था कि वो पुरानी मछली हैं जो तालाब में नई तरीके से तैरना सीख रहे हैं। हार्वे ने अपने सारे काम के लिए माफी भी मांगी थी। दोनों की काफी ज़्यादा आलोचना हुई थी।
बनाई इमेज
इसके बाद हार्वे ने एक पीआर कंपनी से संपर्क किया जो उनकी इमेज सुधारने का काम करे लेकिन इस कंपनी ने भी हार्वे को क्लाईंट के तौर पर बै कर दिया। हार्वे ने अपने खिलाफ लगे हर इल्ज़ाम को झूठा बताया।
हॉलीवुड में कास्टिंग काउच
माना गया कि विन्सटीन ने ही हॉलीवुड में कास्टिंग काउच की शुरूआत की थी। अभिनेत्री जोई ब्रॉक ने उन पर आरोप लगाते हुए बताया कि 1997 में विन्सटीन ने उन्हें कमरे में बुलाया और न्यूड मसाज देने को कहा। उस वक्त उनकी उम्र केवल 23 साल की थी।
सेक्स एडिक्ट
अभिनेत्री एमा थॉम्पसन का कहना था कि हार्वे सेक्स एडिक्ट है। इतना ही नहीं, अभिनेत्री ग्विनिथ पाल्ट्रो ने भी बताया कि उन्होंने हार्वे की हरकत के बारे में ब्रैड पिट को बताया था और दोनों की काफी बहस हुई थी।
टाईम्स पर्सन ऑफ द ईयर
हॉलीवुड का ये मी टू मूवमेंट इतना प्रभावशाली था कि 2017 में टाइम्स मैगज़ीन ने इसे पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किया था और इसे मूवमेंट को बढ़ाने वालों को Silence Breakers का तमगा भी दिया गया।
कई मामलों में दोषी
हार्वे को सज़ा सुनाते ही हथकड़ियां लगा दी गईं और अदालत से बाहर लाया गया। उसे 2006 और 2013 के मामलों में दोषी पाया गया।
जेनिफर को मार देना चाहिए
अभिनेत्री जेनिफर एनिस्टन भी विन्सटीन के खिलाफ सामने आईं और उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। विन्सटीन ने एक ईमेल में लिखा कि जेनिफर को मार देना चाहिए।
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