सिने प्रेमियों के अंदर जितना क्रेज हिंदी फिल्मों का है, उतनी ही दीवानगी इंग्लिश (हॉलीवुड) फिल्मों के लिए भी है। हर साल हॉलीवुड में तमाम फिल्में रिलीज होती हैं, जिन्हें देखने के लिए फैंस बेताब रहते हैं। हॉलीवुड फिल्मों में एक्शन, रोमांस के अलावा आपत्तिजनक शब्दों का काफी इस्तेमाल किया जाता है। कई बार ज्यादा भयावह दृश्यों और आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल के कारण भारत में विदेशी फिल्मों पर रोक लगाई गई है। देश में अब तक कई विदेशी फिल्मों को उनकी भाषा और अश्लीलता के कारण बैन किया गया है। कुछ फिल्में अतरंग दृश्यों, तो कुछ बदलाव ना करने को लेकर भारत में बैन हुई हैं। तो आज हम आपको ऐसी ही फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका इंतजार दर्शक बेसब्री से कर रहे थे लेकिन इनके बैन होने के बाद लोग मायूस हो गए। तो चलिए जानते हैं बैन हुई फिल्मों की लिस्ट में कौन सी फिल्में शामिल हैं और क्यों…
आई स्पिट ऑन योर ग्रेव (1978)
साल 1978 में मीर जर्ची के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आई स्पिट ऑन योर ग्रेव’ को भारत में रिलीज नहीं किया गया था। इसके पीछे वजह थी कि फिल्म की कहानी और सीन्स। केमिल केटोन स्टारर ये फिल्म रेप और रिवेंज ड्रामा थी। फिल्म के सीन्स बैन का कारण बने थे l
केनिबल फेरोक्स (1981)
साल 1981 में आई फिल्म ‘केनिबल फेरोक्स’ में इंसानों और जानवरों के प्रति हिंसा को लेकर दिखाया गया था। इस फिल्म में भयावह दृश्यों के कारण इसे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि 31 देशों ने भी अपने यहां बैन कर दिया था।
इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल डूम (1984)
एक्शन एडवेंचर फिल्म ‘इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल डूम’ में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को गलत तरीके से दिखाए जाने के कारण देश में इसकी रिलीज पर बैन लगा दिया था। हेरिसन फोर्ड ने इस फिल्म में लीड रोल किया था।
द ह्यूमन सेंटिपेड (2009)
फिल्म ‘द ह्यूमन सेंटिपेड’ की कहानी एक जर्मन सर्जन की थी, जो तीन पर्यटकों को किडनैप कर उन्हें प्रताड़ित करता है। टॉम सिक्स के निर्देशन में बनी इस फिल्म को वीभत्स सीन के चलते सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी बैन किया गया था।
द गर्ल विद द ड्रैगन टैटू (2011)
फिल्म ‘द गर्ल विद द ड्रैगन टैटू’ को भी भारत में रिलीज करने की अनुमति नहीं मिल पाई थी, जिसकी वजह थी फिल्म में दिखाए गए प्रताड़ना से भरे दृश्य। डैनियल क्रेग स्टारर ये फिल्म रिलीज हो सकती थी लेकिन निर्देशक डेविड फिन्चर ने फिल्म से इन सीन्स को हटाने से साफ मना कर दिया था।
ब्लू जैस्मिन (2013)
साल 2013 में फिल्म ‘ब्लू जैस्मिन’ को भारत में रिलीज किया जाना था लेकिन ऐसा फिर हुआ नहीं। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को लेकर कहा था कि हर उस सीन में डिस्क्लेमर लगाया जाए, जिसमें धूम्रपान दिखाया गया है। लेकिन फिल्म निर्देशक वूडी एलन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और इस ब्लैक कॉमेडी फिल्म को भारत में रिलीज नहीं किया गया। फिल्म में केट ब्लैंचेट और सैली हॉकिन्स ने लीड रोल निभाया था।
फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे (2015)
साल 2015 में रिलीज हुई फिल्म ‘फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे’ को भी भारत में रिलीज किए जाने की अनुमति नहीं मिली थी। फिल्म का निर्देशन सैम टेलर ने किया था और इसमें डकोटा जॉनसन और जेमी डोर्नन लीड रोल में थे। फिल्म में कई इंटीमेट और प्रताड़ना से भरे सीन्स होने के कारण सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज करने की इजाजत नहीं दी थी।
डर्टी ग्रैंडपा (2016)
रॉबर्ट डी-नीरो और जैक एफ्रों स्टारर फिल्म ‘डर्टी ग्रैंडपा’ का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। इस फिल्म के डायलॉग और अश्लीलता के चलते इसे भारत में रिलीज की अनुमति नहीं मिली थी। सेंसर बोर्ड ने कहा था की ये फिल्म भारतीय दर्शकों के लिए ठीक नहीं है।