बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को कोरोना वायरस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic medicine for Coronavirus) लॉन्च की है। मंगलवार की दोपहर 12 बजे ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ (Divya Coronil Tablet) को लॉन्च करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि दुनिया इस दवा का इंतजार कर रही थी कि कोरोना वायरस की कोई दवा तैयार हो। हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई हमने तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि हमने क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की और 100 लोगों पर इसका टेस्ट किया गया। तीन दिन के अंदर 65 फीसदी मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हो गए। यह दवा कैसे तैयार की गई, इसमें कौन से तत्वों का इस्तेमाल किया गया और यह कितनी कारगर होगी…आइए जानते हैं इस दवा के बारे में ऐसी ही अहम बातें।
किन जड़ी-बूटियों से बनी है ‘कोरोनिल’
पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, कोरोना की इस खास आयुर्वेदिक दवा को तैयार करने के लिए शास्त्रों और वेदों को पढ़कर उसे विज्ञान के फॉर्मूले में ढाला गया, जिसके परिणाम स्वरूप इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार किया जा सका है। आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है।
दवा की डोज क्या रहेगी?
कंपनी का दावा है कि कोरोना मरीजों के लिए यह दवा कारगर होगी। कारण कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ही कोरोना मरीजों पर इस दवा ने सकारात्मक असर दिखाया है। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, यह दवा दिन में दो बार, सुबह और शाम को ली जा सकती है।
वायरस पर यूं असर करती है ‘कोरोनिल’
पतंजलि के दावे के अनुसार दवा में मौजूद अश्वगंधा, कोरोना के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं, इसमें मौजूद गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोरोनो वायरस के आरएनए RNA पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने यानी संख्या बढ़ाने से रोकती है।
रेस्परेटरी सिस्टम को मजबूत करेगी श्वसारि वटी
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। कंपनी की ओर से इसके साथ श्वसारि वटी टैबलेट भी बेची जाएगी। श्वसारि रस कफ में गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है। साथ ही यह बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों में सूजन को कम करता है।
कोरोनिल, श्वसारि वटी के अलावा अणु तेल भी
पतंजलि ने कोरोनिल और श्वसारि वटी के अलावा अणु तेल भी प्रस्तुत किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। श्वसारि वटी हमारे रेस्परेटरी सिस्टम को मजबूत करेगी। इसके अलावा अणु तेल नाक में डालना बहुत फायदेमंद होगा। ऐसा करने से हमारे रेस्परेटरी सिस्टम में किसी वायरस के मौजूद होने पर उसका खात्मा होता है।
किसने तैयार की दवा, कहां होगा उत्पादन
कोरोना मरीजों के लिए आयुवेर्दिक दवा कोरोनिल को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। फिलहाल इस दवा का उत्पादन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया है कि यह दवा कोरोना के मरीजों के लिए बहुत असरदार साबित होगी।
कहां हुआ क्लिनिकल ट्रायल?
भारतीय दवा नियामक से अप्रूवल के बाद, दवा का क्लिनिकल ट्रायल इंदौर और जयपुर में हुआ। बाबा रामदेव ने कहा कि पहले आयुर्वेद का क्लिनिकल ट्रायल बहुत मुश्किल था, लोग समझते थे कि कोई बला गले ना पड़ जाए। लेकिन ये दवा बला को दूर करने वाली बन गई।
कितने मरीजों पर ट्रायल?
बाबा रामदेव ने कहा कि जब कहीं क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल होता है तो कई अप्रूवल लेने होते हैं। इस दवा के लिए भी तमाम नेशनल एजेंसियों और नियामकों से अप्रूवल लिए गए। इस दवा का ट्रायल 280 मरीजों पर किया गया और सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
कितने दिन में स्वस्थ होंगे मरीज?
बाबा रामदेव ने का दावा है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर दवा का ट्रायल किया गया। इस दौरान तीन दिन के अंदर 69 फीसदी रोगी कोरोना पॉजिटिव से कोरोना निगेटिव हो गए। वहीं दावा है कि सात दिन में 100 फीसदी मरीज निगेटिव हो गए, यानी स्वस्थ हो गए।
क्या कोई साइड इफेक्ट भी?
बाबा रामदेव ने कहा है कि हमने इस दवा को पूरी रिसर्च के साथ तैयार किया है। हमारी दवा की रिकवरी दर 100 फीसदी है, जबकि डेथ रेट शून्य है। यानी इससे मौत का खतरा नहीं है। रामदेव ने कहा कि भले ही लोग इस दावे पर संदेह या प्रश्न करें, लेकिन हमने सभी वैज्ञानिक नियमों का पालन किया है और पूरी रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल के बाद दवा तैयार की है।
कहां मिलेगी यह दवा, क्या होम डिलीवरी भी होगी?
बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आयुर्वेद से बनी यह दवा अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर उपलब्ध होगी। होम डिलीवरी को लेकर उन्होंने कहा कि सोमवार को ऑनलाइन ऑर्डर के लिए एक मोबाइल एप लॉन्च किया जाएगा, जिसकी मदद से ये दवा घर पर पहुंचाई जाएगी।
भारत में कोरोना की कई दवाएं मौजूद
भारत में कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए अब मार्केट में एक के बाद एक दवा आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पहले ग्लेन फार्मा ने, फिर हेटरो लैब्स ने और फिर सिप्ला कंपनी ने कोरोना मरीजों के लिए दवा पेश की है। कोविड-19 के इलाज के लिए मुख्य रूप से तीन दवाओं, Cipremi, FabiFlu और Covifor का इस्तेमाल हो रहा है। Cipremi और Covifor एंटीवायरल ड्रग रेमडेसीविर के जेनेरिक वर्जन हैं, जबकि Fabiflu टैबलेट असल में इन्फ्लुएंजा की दवा Favipiravir का जेनेरिक रूप है। इन तीनों को हाल ही में अप्रूवल मिला है।
गंभीर मरीजों के लिए डेक्सामेथोसोन
अभी हाल ही में ब्रिटेन में हुए शोध के बाद स्टेरॉयड दवा डेक्सामेथासोन को कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए चिकित्सकीय निगरानी में इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। डेक्सामेथासोन, कोरोना मरीजों के लिए पहली लाइफ सेविंग ड्रग यानी जीवनरक्षक दवा बन के उभरी है। यह कोरोना के गंभीर संक्रमण वाले मामलों में मौत का खतरा एक तिहाई तक कम कर देती है। यानी मौत के करीब पहुंचे हर तीन मरीजों में से एक की जिंदगी यह दवा बचाती है।
Very good analysis