सेक्स को लेकर मन में उठने वाले सवालों के जवाब यदि सही जानकार से न पूछे जाएं, मन की गुत्थियां उलझी रह जाती हैं और इसका असर फिर दांपत्य जीवन पर पड़ने लगता है। पाठकों की जिज्ञासाओं को सुलझाने के लिए बता रहे हैं सेक्स समस्याओं के समाधान।
मुझे ये पता नहीं चलता कि ऑर्गेज्म कैसे मिलता है, मैं जानना चाहती हूं कि महिलाओं में ऑर्गेज्म के संकेत क्या होते हैं?
पुरुषों की तरह महिलाओं में ऑर्गेज्म का कोई संकेत नहीं होता। ऑर्गेज्म मिलने पर पुरुष स्खलित हो जाते हैं, लकिन महिलाओं के शरीर में ऐसा कुछ नहीं होता। महिलाओं को मिलने वाली संतुष्टि ही उनके लिए ऑर्गेज्म होती है। कई महिलाएं पुरुषों के स्खलन से अपनी तुलना करती हैं और उन्हें ये लगता है कि उन्हें ऑर्गेज्म नहीं मिला, लेकिन ऐसा नहीं हैं, बल्कि कई महिलाएं एक बार में ही मल्टीपल ऑर्गेज्म का अनुभव भी करती हैं।
सेक्स को लेकर हर महिला की प्रतिक्रिया अलग होती है। कुछ महिलाएं जब उत्तेजित होती हैं, तो आवाज करती हैं या लंबी सांसें भारती हैं और कुछ बिल्कुल भी आवाज नहीं करतीं, तो इसका ये मतलब नहीं है कि जिसने आवाज नहीं की, उसे संतुष्टि नहीं मिली। सेक्स स्त्री-पुरुष का बेहद निजी मामला है और इसमें संतुष्टि तभी संभव है जब दोनों पार्टनर पार्टीसिपेट करें और एक-दूसरे की संतुष्टि का ध्यान रखें।
क्या आप साधारण भाषा में जी-स्पॉट के बारे में समझा सकते हैं? जी-स्पॉट क्या है और यह महिलाओं में कहां पर पाया जाता है?
जी-स्पॉट हर महिला में हो ये जरूरी नहीं है। पहली बार जर्मन गायनाकोलॉजिस्ट अर्नस्ट ग्रैफेनबर्ग ने जी-स्पॉट का जिक्र किया और उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह वेजाइना में स्थित एक संवेदनशील हिस्सा है, जो सेक्स प्लेजर बढ़ाता है, लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि ये हर महिला में होता है।
ऐसा माना जाता है कि लगभग 10 से 15 प्रतिशत महिलाओं में जी-स्पॉट होता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि जिन महिलाओं में जी-स्पॉट नहीं होता, उन्हें सेक्स में संतुष्टि नहीं मिलती, हो सकता है कि वो जी-स्पॉट वाली महिलाओं से ज्यादा सेक्स लाइफ को एंजॉय करें। जी-स्पॉट के बारे में जानना ठीक है, लेकिन इसे सेक्स प्लेजर का पैमाना मान लेना सही नहीं है। सेक्स संतुष्टि दोनों पार्टनर के आपसी प्रेम से मिलती है इसलिए इसे बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी है।