हाथ धोना, केवल खाने से पहले ही जरुरी नहीं, बल्कि स्वस्थ रहना है तो हमारे हाथ हमेशा साफ होने चाहिए। हाथ धोने का महत्व समझाने के लिए एक से सात दिसंबर तक हैंडवॉशिंग अवेयरनेस वीक यानी कि जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। सर्दियों में ठंड की वजह से लोग हाथ धोने से बचते हैं। कई लोगों का मानना है कि गर्म पानी से हाथ धोना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे ज्यादा वैक्टीरिया मरते हैं। लेकिन सच क्या है?
हैंड वॉश के बारे में एक नई रिसर्च हुई है। जर्नल ऑफ फूड प्रोटेक्शन में प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार गर्म या ठंडे पानी से हाथ धोने में कोई खास फर्क नहीं पड़ता। हाथ ठंडे पानी से धोएं या गर्म पानी से, बैक्टीरिया खत्म करने में दोनों का असर एक जैसा ही है। गर्म पानी के साथ प्लस प्वाइंट यह है कि इसके साथ साबुन अच्छे से घुलता है।
10 सेकेंड तक हाथ धोना असरदार
इस रिसर्च के दौरान न केवल पानी के ठंडे या गर्म होने का अध्ययन किया गया, बल्कि हाथ धोने के दौरान साबुन या लिक्विड हैंडवाश की मात्रा और हाथ धोने में लगाए गए समय समेत अन्य पहलुओं का भी अध्ययन किया गया। पानी 38 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो या 16 डिग्री सेल्सियस तक, बैक्टीरिया में कमी में कोई अंतर नहीं पाया। बताया गया कि बैक्टीरिया दूर करने के लिए 10 सेकंड तक हाथ धोना प्रभावी होता है।
कई लोगों की त्वचा शुष्क होती है, जोकि ठंड में साबुन से हाथ धोने के दौरान और ज्यादा शुष्क हो जाती है। ऐसे लोगों को साबुन से हाथ नहीं धोना चाहिए। वहीं, ज्यादा समय तक पानी का काम करना हो तो रबर के दास्ताने प्रयोग करना चाहिए।
चिकित्सक बताते हैं कि जहां पानी से हाथ धोना संभव नहीं हो, वहां हाथ साफ करने के लिए हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग तो ठीक है, लेकिन साबुन से हाथ धोने से अच्छा कुछ भी नहीं। हैंड सैनिटाइजर खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि उसमें ट्राइक्लोसेन या थाइलेड्स जैसे रसायन न हों।