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लोगों ने इसे टीवी इतिहास का बेस्ट सीन बताया। फैन्स ने कहा 2020 में भी ये दावे के साथ कहा जा सकता है कि टीवी के इतिहास में इससे बेहतर तरीके से कोई सीन शूट नहीं हुआ होगा।
फैन्स इस सीन को देख काफी इमोशनल हुए। एक फैन ने लिखा – अपनी उंगली के बहते खून पर द्रौपदी द्वारा बांधी गई पट्टी के एक एक धागे का ऋण चुकाने का वादा करने वाले केशव आ गए द्रौपदी का चीर बढ़ाने। पता नहीं इस ज़माने द्रौपदी की लाज बचाने कौन कृष्ण आएगा? कौन ?
वहीं, कई फैन्स ने अपनी लिखी कविताएं भी द्रौपदी के दुख को समर्पित की। देख रही कृष्णा बन कातर, शूरवीर अपने स्वामी| बैठे थे लाचार वहां सब, जगत् कहे जिनको नामी|| शोकाकुल थे मौन वहां सब, लज्जा से गड़ते जाते| कौन है मेरा कहे द्रोपदी, कब उत्तर वो दे पाते
सबने इस सीन को आज की स्थिति से जोड़ते हुए कहा द्रोपदी 5200 साल पहले भी बेबस थी, आज भी बेबस है, घर घर दु:शासन तो वैठे हैं, मगर गोविंद नहीं ! देखिए इस सीन को देख, किस तरह विचलित हुए फैन्स –
सच्ची अभिनेत्री
रूपा जी की एक्टिंग इतनी शानदार और सच्ची है। उन्होंने मुझे सच में रूला दिया। इससे बेहतर सीन कोई नहीं है।
धिक्कार है
द्रौपदी का चीर हरण सीन देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मेरा खून खौल गया देखकर कि भरी सभा में किसी ने द्रौपदी की रक्षा नहीं की। इसी की सज़ा हर किसी ने भुगती। जो अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर सकता वो उसका हकदार भी नहीं है।
खड़ी है द्रौपदी
बीच सभा में खड़ी द्रोपदी, मांग रही सत की भिक्षा|
कहती है वो राजसभा से, भूल गए क्या सब शिक्षा||
एक वस्त्र में आज यहाँ मैं, दल दल में गिरती जाती|
धर्म पुरोधाओं क्या तुमको, लाज तनिक भी है आती||
#Mahabharat #Draupadi
दिल दुख गया
रूपा गांगुली के इस सीन को देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
यही है मूल
#Mahabharat
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
कर्ण भी विलेन
तो ये कर्ण था जिसने जो दुर्योधन को चीर हरण का आईडिया दे रहा था और उसे भड़का रहा था। मुझे हमेशा कर्ण के लिए दुख होता था लेकिन चीर हरण सीन देखने के बाद समझ आया कि वो कितना नालायक था। शूरवीर इस तरह बदला नहीं लेते। विकर्ण इकलौता आदमी था जो नपुंसक नहीं था।
असली रक्षक
असली रक्षक भगवान श्रीकृष्ण। देखकर ही रोंगटे खड़े हो रहे हैं।
इनसे बेहतर कोई नहीं
रूपा गांगुली की तारीफ करते हुए इस फैन ने लिखा – आपसे बेहतर द्रौपदी कोई नहीं बन सकता था मैम।
विचलित करने वाले दृश्य
टीवी के इतिहास में कभी कोई भी सीन आपको इस सीन से ज़्यादा विचलित नहीं कर पाएगा।
कैसे हुई भूल
मैं सोच रहा हूं कि बॉलीवुड ने कभी रूपा गांगुली जैसी सशक्त अभिनेत्री के अच्छे रोल कैसे नहीं दिए?
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