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अर्जुन कपूर ने किया खुलासा, ‘जान्हवी कपूर जब ‘अर्जुन भैया’ कहती हैं तो उन्हें काफी अजीब लगता है’

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अर्जुन कपूर ने एक इंटरव्यू में जान्हवी कपूर के साथ अपनी बॉन्डिंग पर बात की है। उन्होंने कहा है कि जान्हवी जब उन्हें अर्जुन भैया कहकर बुलाती हैं तो उन्हें अजीब लगता है। अर्जुन बोले, अर्जुन भैया यह सुनकर मुझे काफी स्ट्रेंज फीलिंग आती है क्योंकि केवल अंशुला मुझे केवल भाई कहकर बुलाती है लेकिन अर्जुन भैया बिलकुल नई चीज है। तो जब जान्हवी मुझे ऐसा कहती है तो मुझे काफी नया सा लगता है। मुझे लगता है कि जान्हवी के मुंह से नैचुरली ही मुझे देखकर अर्जुन भैया निकलता है क्योंकि मैंने उन्हें कभी नहीं कहा कि तुम मुझे ऐसे बुलाओ या वैसे बुलाओ ।

पिता की दूसरी शादी से नाराज थे अर्जुन

खबरों की मानें तो जब बोनी कपूर ने पहली वाइफ मोना को छोड़कर श्रीदेवी से शादी की तो सबसे ज्यादा अर्जुन कपूर ही भड़के थे। उन्होंने ये कहा था कि जान्हवी और खुशी उनकी बहनें नहीं है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका खुशी और जान्हवी से कोई रिश्ता नहीं है। हम लोग ज्यादा नहीं मिलते और ना ही साथ में समय बिताते हैं। यह रिश्ता मायने नहीं रखता।

इतना ही नहीं वे श्रीदेवी को भी पसंद नहीं करते थे। उन्होंने श्रीदेवी के लिए कहा था कि वे सिर्फ उनके पिता यानी बोनी कपूर की वाइफ हैं। बता दें कि अर्जुन बोनी की पहली पत्नी मोना कपूर के बेटे हैं। अर्जुन की एक बहन अंशुला भी हैं। जून 1996 में बोनी ने श्रीदेवी से दूसरी शादी कर ली थी। इस बात ने अर्जुन कपूर की मां मोना को काफी दुख पहुंचाया।

श्रीदेवी के निधन के बाद जान्हवी-खुशी को माना बहन

2018 में श्रीदेवी के अचानक निधन के बाद अर्जुन ने दोनों सौतेली बहनों (जान्हवी और खुशी) को अपना मान लिया था। अर्जुन ने कहा था, जाह्नवी और खुशी को छोटी सी उम्र में मां को खोने का जो सदमा सहन करना पड़ा, वह उनके लिए बहुत ही शॉकिंग था। मैं खुद इस दुख से गुजरा हूं तो अच्छे से समझ सकता हूं। उस समय उनके साथ जो परिस्थिति थी, उसकी वजह से मुझे और अंशुला को उनकी जिंदगी में आना जरूरी था।

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एक सेकंड के लिए आप भी उनकी उस स्थिति को सोचें। अगर उनकी मां मौजूद होतीं तो वैसी सिचुएशन में हम उनकी जिंदगी से दूर भी रहते तो चलता। मगर उस समय उन्हें प्यार और अपनेपन की जरूरत थी। इस असलियत को हम झुठला नहीं सकते। प्यार बांटना बुरी बात नहीं है। उस दु:खद घटना से पहले हमें उनकी जिंदगी में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी थी। न उन्हें जरूरत पड़ी थी हमारी जिंदगी में आने की। हमें अलग-अलग दुनिया में को-एग्जिस्ट करने का कंफर्ट हासिल था। यकायक उनकी मां के निधन के बाद स्थितियां ऐसी बनीं कि हम लोगों की दुनिया एक हो गई।

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